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ये तसवीर एक न्यूज़ साइट्स से |
एक दिन मै अपने कम्पूटर पे नेट सर्फिंग कर रहा था, एक न्यूज़ साईट पे था और स्क्रीन पर एक विज्ञापन दे रही लड़की की अर्धनंगी तसवीर उछल उछल कर सामने आ रही थी. पीछे मेरे एक परिचित आ कर खड़े थे. काफी समय से वो मेरा निरिक्षण कर रहे थे. मैंने उनके सामने देखा तो बोलने का मौका पाते ही कह दिया - ' आप भी ये सब देखते हो?' उनका इशारा उस विज्ञापन पर था. मैंने कहा ये एड है और मै तो समाचार देख रहा हु. मेरे ये कहेते ही वो इस तरह से मेरे सामने देखने लगा की मै कोई गधा हु और उसे भी गधा समाज रहा हु. दरसल वो ये समज रहा था की मै कोई नंगी तसवीरे देख रहा हु. उसे मालूम ही नहीं था के ये न्यूज़ साइट्स कौन सी बाला है. मै अपने आप को बहोत खुस किस्मत समजता यदि उन्हें इंटरनेट की दुनिया के बारे में कुछ भी समाज शकता.
ऐसे लोगो की संख्या काफी है जो इंटरनेट को सिर्फ मनोरंजन का साधन मानते है. इंटरनेट का व्याप बढा है ये सच है पर ये भी उतना ही सच है के बहोत से क्षेत्रो में इसका इस्तमाल नंगी तसवीरे और क्लिप्स देखने के लिया ही होता है.कई जगहों पर एक क्लिप या कुछ तसवीरे डाउन लोड करने के ५० से १०० रूपए ले लेते है. और अब तो मोबाईल कंपनिया नेट सर्फिंग की सुविधा दे रही है.
मेरे ख़याल से सभी समाचार देने वाली वेब साइट्स अर्ध नंगी तसवीरे और ऐसे ही विडिओ अप डेट करती है. कुछ तो पोर्न साइट्स की लिंक भी देती है.
उत्तर प्रदेश और अन्य प्रान्तों में विधानसभा चुनाव का प्रचार जोरो पर है और सरकार बौखला गई है. सरकार विरोधी लोगो की सक्रियता से चौक गई है. तब मै सोचता हु के कितना असर पड़ेगा इस सोसियल नेटवर्क का?
हम लोग फेस बुक, ब्लॉग और अन्य सोश्यल नेटवर्क पे आपस में मसक्कत करते रहेते है. क्रान्ति की बाते करते है और एक दूसरो को जगाते रहेते है. हम तो जागे हुए है पर जो नहीं जागे उसे कौन जगायेगा जो नेट मतलब नंगई समजते है?